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LOKSABHA ELECTION 2019: से पहले कांग्रेस को… लेकर अखिलेश यादव ने दिया बड़ा बयान

लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस पहले भी हमारे साथ थी और अभी भी हमारे साथ ही है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव (LoksabhaElection2019) से पहले महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति को लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है. लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पहले भी हमारे साथ थी और अभी भी हमारे साथ ही है. ऐसे में कांग्रेस का हमसे अलग होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि आप यह बार-बार क्यों पूछते हैं कि कांग्रेस साथ आएगी या नहीं? मैं आपसे एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कांग्रेस हमारे साथ है, वह गठबंधन का हिस्सा है. इस बार के लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए दो सीटों पर लड़ेगी. अखिलेश यादव ने आरएलडी की सीटों का भी ऐलान किया.

अखिलेश यादव ने सहयोगी पार्टी आरएलडी को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि हम आरएलडी को इस चुनाव में तीन सीट दे रहे हैं. इस ऐलान के बाद आरएलडी के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि RLD उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि RLD उत्तर प्रदेश में BSP-SP गठबंधन में शामिल होगी. हमारे कार्यकर्ता अथक परिश्रम करेंगे, ताकि राज्य की हर सीट पर गठबंधन की जीत सुनिश्चित हो सके.

गौरतलब है कि इस साल जनवरी में सपा-बसपा ने यूपी में गठबंधन करते हुए कांग्रेस को अपने साथ लेने से मना कर दिया था. उस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि हमें ऐसा लगता है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उन्हें सीटों का नुकसान होगा. बुआ-बबुआ की जोड़ी ने महागठबंधन की कवायदों में जुटी कांग्रेस को न सिर्फ झटका दिया था. हालांकि, इस नए गठबंधन ने कांग्रेस की दोनों परंपरागत सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया था.  मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा 38-38 सीटों पर लड़ेगी. सपा-बसपा गठबंधन ने चार सीटें छोड़ दी हैं, जिसमें दो सीटें सहयोगियों के खाते में जाएगी वहीं, दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई हैं, अमेठी और रायबरेली है. साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर जमकर हमला बोला.

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सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को साथ न रखने पर मायावती ने कहा था कि बीजेपी की तरह ही कांग्रेस की नीतियां भी भ्रष्ट हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शासनकाल में भ्रष्टाचार हुए. कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नीति एक जैसी ही भ्रष्ट है और काग्रेस के साथ जाने पर बसपा को वोट शेयर में नुकसान होता है. सपा-बसपा को कांग्रेस के साथ जाने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. हमनें अपने अनुभव को ही तरजीह दी है. कांग्रेस का साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता है. अगर हम इनके साथ नहीं जाते हैं तो हमारे पास वोट का शेयर ज्यादा रहता है. लिहाजा हमनें इस वजह से कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा है. हालांकि हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी या इस तरह की किसी भी अन्य पार्टी से गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमारा वोट ही कट जाए.

उन्होंने कहा था कि आज बीजेपी के शासनकाल में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है. बीजेपी को इस बार कांग्रेस को हुई 1977 में हुए चुनाव की तरह ही बड़ा नुकसान होने वाला है. मायावती ने कहा था कि बोफोर्स की वजह से कांग्रेस की सरकार गई थी, अब राफेल की वजह से बीजेपी की सरकार जाएगी. राफेल बीजेपी को ले डूबेगी.  मायावती ने कहा था कि बीजेपी ने प्रदेश में बेईमानी से सत्ता हासिल की है. हमने गठबंधन में कांग्रेस को नहीं रखा. कांग्रेस या बीजेपी कोई आए, दोनों में एक ही बात है. कांग्रेस और बीजेपी की नीतियां एक जैसी है. दोनों सरकारों का हाल एक जेस ही रहे हैं. अगर हम कांग्रेस से गठबंधन करते हैं तो हमें घाटा होगा. क्योंकि कांग्रेस के समय में भी भ्रष्टाचार हुआ. मायावती ने कहा था कि यूपी में बीजेपी ने बेइमानी से सरकार बनाई है. जनविरोधी को सत्ता में आने से रोकेंगे.  बीजेपी की अहंकारी सरकार से लोग परेशान है. जैसे हमने मिलकर उपचुनावों में बीजेपी को हराया है, उसी तरह हम लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे.


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